RAKHI Saroj

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लेखनी प्रतियोगिता -09-May-2023

    सवालों से भरा दर्द 
सवालों से भरा दर्द मेरे ही ज़हन में 
उतरकर मेरी ही परछाई बन गया है 
अब अंधेरी घटा में वह मेरे एहसासों 
में उतरकर मुझको मेरे ही आइने में 
डूबों जाती है। 
सवालों से भरा दर्द मेरे ही ज़हन में 
उतरकर मेरी  ही ख्वाहिश को मेरी 
सज़ा बनाकर मेरे एहसासों को
जला रहा है। 
सवालों से भरा दर्द मेरे ही ज़हन में 
उतरकर मेरी ही शब्दों को मुझसे
दूर कर मुझे एक खाली पन्नों की 
डायरी बनाकर हर किसी को एक
कुछ लिखने का काम दें गया।
     राखी सरोज 
      नई दिल्ली 

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4 Comments

madhura

11-May-2023 12:49 PM

nice

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Abhinav ji

11-May-2023 08:37 AM

Very nice 👍

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Renu

09-May-2023 06:32 PM

👍👍

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